इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि आयु निर्धारण के लिए यदि फर्जी न हो तो हाई स्कूल प्रमाणपत्र ही मान्य है। हाईस्कूल प्रमाणपत्र पर अविश्वास कर मेडिकल जांच रिपोर्ट पर आयु निर्धारण करना ग़लत वह मनमानापूर्ण है।
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