Friday, April 15, 2022

आगरा बवाल की आपबीती: चेहरे छिपे हुए, गले में गमछा हाथों में बांक-फावड़े, डर के चलते घरों में कैद रहे महिलाएं और बच्चे

आगरा के रुनकता में व्यापारी मोहल्ले के मोहम्मद मुस्तकीम ने बताया कि मैं अपने घर के काम में लगा था। तीन बच्चे और पत्नी भी अपने-अपने कमरों में बैठे थे, तभी नारेबाजी की आवाज सुनी। खिड़की से देखा तो कुछ लोग साजिद के मकान के बाहर खड़े थे।

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