इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि आपराधिक मामले में जांच के लिए अधिकतम अवधि (90 दिन) समाप्त होने के बाद और आरोपपत्र दाखिल करने से पहले आरोपी की ओर से दाखिल डिफाल्ट जमानत अर्जी को खारिज करना विधिक और मौलिक दोनों अधिकारों का हनन है।
from Latest And Breaking Hindi News Headlines, News In Hindi | अमर उजाला हिंदी न्यूज़ | - Amar Ujala https://ift.tt/Lj1WG4I
-
देश के कई राज्यों में हो रही भारी बारिश की वजह से सड़क और ट्रेन यातायात पटरी से उतर गया है। लखनऊ मंडल की कई ट्रेने 15 जुलाई तक रद्द कर दी गई...
-
सपा के पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम के उम्र निर्धारण मामले में बृहस्पतिवार को जिला जज की अदालत में सुनवाई हुई। लखनऊ के नगर निगम के नगर स्वास्थ...