कोई भी समाज बिना शिक्षा के ऊपर नहीं आ सकता है। देश में गरीबी किसी मजहब और जाति को देखकर नहीं समझी जा सकती है। सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को किसी मजहब के चश्मे से देखना गलत है।
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